बुनियाद हिला दी है,सूरत भी बदल देंगे
तस्वीर का क्या कहना तकदीर बदल देंगे
निकल पड़ी है फ़िर से गंगा शंकर की जटाओं से
तुम इसकी शिराओं में नाले न मिला लेना
जब तक है इस सीने में, आग ये देह्केगी
तब तक ही गुलशन में हवाएं भी महकेगी
देखा है कितने दीवानों ने यह सपना
तुम इन दीवानों को अब यूँ न दगा देना
दर्द मिला है सदियों से,राहत के इस मौसम में
मरहम की जगह दिल पे,कांटें न चुभा देना
यह घर हमारा है इस घर के आँगन में
जब कुछ भी गलत हो तो आवाज़ उठा देना
शंकर=हिमालय,नाले=दुसरे दल के नेता
तस्वीर का क्या कहना तकदीर बदल देंगे
निकल पड़ी है फ़िर से गंगा शंकर की जटाओं से
तुम इसकी शिराओं में नाले न मिला लेना
जब तक है इस सीने में, आग ये देह्केगी
तब तक ही गुलशन में हवाएं भी महकेगी
देखा है कितने दीवानों ने यह सपना
तुम इन दीवानों को अब यूँ न दगा देना
दर्द मिला है सदियों से,राहत के इस मौसम में
मरहम की जगह दिल पे,कांटें न चुभा देना
यह घर हमारा है इस घर के आँगन में
जब कुछ भी गलत हो तो आवाज़ उठा देना
शंकर=हिमालय,नाले=दुसरे दल के नेता
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